हरक सिंह के बयान पर गुरुद्वारा पहुंच हरीश रावत ने मांगी माफी
देहरादून में कांग्रेस के भीतर पैदा हुए विवाद और सिख समुदाय की नाराज़गी को शांत करने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता हरीश रावत सोमवार की शाम आढ़त बाज़ार स्थित गुरुद्वारा गुरु सिंह सभा पहुंचे। हरक सिंह रावत के हालिया बयान से उठा विवाद लगातार सिख समाज में प्रतिकूल प्रतिक्रियाएं पैदा कर रहा था, जिसके चलते कांग्रेस भी स्पष्ट रूप से असहज महसूस कर रही थी। इस स्थिति को संभालने की कोशिश में हरीश रावत ने गुरुद्वारे में पहुंचकर अरदास की, लंगर सेवा में भाग लिया और संगत के जूते रखने वाली परंपरागत जोड़ा सेवा भी की।
गुरुद्वारे में सेवा के बाद हरीश रावत ने कहा कि सिख समुदाय भारत का अत्यंत गौरवशाली और उदार समाज है, जिसका सम्मान देश की विविधता और समाजिक सौहार्द की बुनियाद है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि ऐसे समाज के अपमान की कल्पना भी नहीं की जा सकती और यदि किसी भी प्रकार की गलती या मुंह की फिसलन से किसी को ठेस पहुंची है तो वह न केवल क्षमा के योग्य है, बल्कि उसके लिए वह स्वयं सिख समुदाय से विनम्रतापूर्वक माफी मांगते हैं। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि मुंह की फिसलन कभी-कभी बहुत भारी पड़ जाती है, और इसलिए सार्वजनिक जीवन में भाषा और व्यवहार के प्रति विशेष सतर्कता आवश्यक है।
इससे पहले स्वयं हरक सिंह रावत भी अपने बयान पर खेद जता चुके हैं, लेकिन विवाद की गंभीरता को देखते हुए कांग्रेस नेतृत्व ने सामाजिक सौहार्द बहाल करने को प्राथमिकता दी। हरीश रावत की यह पहल कांग्रेस की राजनीतिक प्रतिबद्धता और संवेदनशीलता प्रदर्शित करती है, क्योंकि सिख समुदाय राज्य सहित पूरे देश में अपनी अनुशासनप्रियता, सेवा-भाव और त्याग की परंपरा के लिए सम्मानित है।
गुरुद्वारे में आयोजित इस कार्यक्रम में कांग्रेस नेता संजय शर्मा, महेंदर सिंह नेगी, ओमप्रकाश सती, गुलजार अहमद, दीप वोहरा, जसबीर रावत और कमल सिंह रावत समेत कई स्थानीय कार्यकर्ता और पदाधिकारी मौजूद रहे। सभी ने सामूहिक रूप से सिख संगत के प्रति सम्मान व्यक्त किया और आशा जताई कि यह घटना सामंजस्य और सौहार्द के मूल्यों को और अधिक मजबूत करेगी।

