सिस्टम के कानों तक नहीं पहुंचीं चार गांवों की आवाज

खटीमा। एक तरफ जहां गांव-गांव तक मूलभूत सुविधाएं पहुंचाने के दावे किए जा रहे है। वहीं सितारगंज के लौका, गोठा, नकहा और गुरुनानक नगरी की जनता की तीन मूलभूत जरूरतों के लिए उठी आवाज 18 दिन बाद भी बहरी व्यवस्था के कानों तक पहुंच पा रही। भूमि के मालिकाना हक, पुलिस चौकी खोलने और उप स्वास्थ्य केंद्र की स्थापना करने की मांग को लेकर लौका और गोठा के ग्रामीण कड़ाके की ठंड के बावजूद दिन-रात पालिका पार्क में धरना दे रहे हैं।

ग्रामीणों को कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रों अपराध बढ़ने से लोग सहमे हुए हैं। इस कारण गांव में पुलिस चौकी खोलने की मांग की जा रही है। इसके अलावा में आम जनता के लिए गांव में उप स्वास्थ्य केंद्र की सुविधा तक नहीं हैं। गांवों में कई सालों से निवास करने के बावजूद उन्हें भूमि पर मालिकाना हक नहीं मिल पा रहा। धरने पर बैठे ग्रामीणों ने कहा कि 18 दिन से धरना जारी होने के बावजूद प्रशासन के अधिकारी उनकी सुध लेने के लिए नहीं पहुंच रहे हैं।

इससे पूर्व भी कई ज्ञापन देने के बावजूद उनकी सुनवाई नहीं हो सकी। इस कारण धरना देना पड़ा लेकिन धरने के 18 दिन बाद भी शासन-प्रशासन उनकी समस्याओं को लेकर गंभीर नहीं है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि जब तक उनकी तीन मांगें पूरी नहीं होगी धरना जारी रहेगा। वहां पर प्रतिभा देवी, कुंती देवी, शारदा देवी, हीरा सिंह, सत्येंद्र कुमार, गिरवरधारी, विकास अंबेडकर, गणेश, उमेश, विजय, बलराज, प्रेमनाथ आदि थे।

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