ग्रामीणों ने प्रशासन पर लगाया मवेशियों की मौत का आरोप

ऋषिकेश। नगर पंचायत स्वर्गाश्रम जौंक से 17 मवेशियों को वाहनों में भर कर ढोसण गांव में सड़क किनारे छोड़े जाने को लेकर नगर पंचायत व तहसील प्रशासन पल्ला झाड़ रहे हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि इस दौरान तीन मवेशियों की मौत हो गई थी। ग्रामीणों ने मवेशियों पर नशे का इंजेक्शन लगाए जाने का आरोप भी लगाया है। ग्रामीणों के विरोध के बाद प्रशासन को इन मवेशियों को वापस लाना पड़ा।

स्वर्गाश्रम क्षेत्र में परमार्थ निकेतन में जी-20 के आयोजन होने हैं। यहां सड़कों पर घूम रहे निराश्रित मवेशियाें को दूसरी जगह शिफ्ट किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि शनिवार को शाम चार बजे नगर पंचायत स्वर्गाश्रम जौंक की ओर से चार वाहनों से 17 मवेशियों को उठाकर नीलकंठ मार्ग पर ढाेसण गांव के पास छोड़ दिया गया।

स्थानीय ग्रामीण अरविंद पयाल, सुखपाल, हरेंद्र पयाल, उमेद पयाल, विमल पयाल, अनूप ने बताया कि इस दौरान दौरान तीन मवेशियों की मौके पर मौत हो गई थी। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि मवेशियों को वाहनों से फेंका गया। मवेशियों पर नशीला इंजेक्शन लगाया गया था। जिससे मवेशी उठ भी नहीं पा रहे थे।

शनिवार रात को ग्रामीणों ने एसडीएम यमकेश्वर आकाश जोशी को फोन कर मवेशियों को इस प्रकार गांव के पास छोड़ने पर एतराज जताया। ग्रामीणों का कहना था कि यदि स्थानीय प्रशासन इन मवेशियों को यहां से नहीं ले जाता है जाता है तो ग्रामीण चंदा एकत्रित कर मवेशियों को ट्रक में लादकर जी-20 के कार्यक्रम स्थल पास छोड़ देंगे।

इसके बाद प्रशासन और पुलिस के अधिकारी नगर पंचायत स्वर्गाश्रम के अधिकारी मवेशी पकड़ने वाले वाहन को लेकर मौके पर पहुंचे। खबर लिखे जाने 14 मवेशियों में से 11 मवेशियों को नगर पालिका स्वर्गाश्रम वापस ले आया था। मवेशियों में से एक गाय के कान पशुपालन विभाग की ओर से टैग लगाया गया है, जिसमें गाय स्वामी का नाम व पता लिखा हुआ आ रहा है।

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