आठवें दिन भी बेनतीजा रही कूड़ा निस्तारण पर वार्ता

उत्तरकाशी। नगर क्षेत्र में कूड़ा निस्तारण की मांग को लेकर पिछले आठ दिनों से चल रहा धरना शुक्रवार को भी समाप्त नहीं हो सका। धरने पर बैठे स्थानीय युवाओं और उत्तराखंड क्रांति दल (यूकेडी) के पदाधिकारियों से पालिका ईओ, सफाई निरीक्षक और तहसीलदार ने वार्ता की, लेकिन किसी ठोस सहमति पर नहीं पहुंचा जा सका।

वार्ता के दौरान आंदोलनकारियों की आंखों से आंसू छलक पड़े। उन्होंने पालिका ईओ और सफाई निरीक्षक से भावुक अपील करते हुए कहा कि आप भी इसी नगर की बेटियां हैं, फिर भी आपको अपने शहर का दर्द क्यों नहीं दिख रहा है।

ताबांखानी में वर्षों से जमा कूड़ा बना समस्या
नगर के ताबांखानी क्षेत्र में कई वर्षों से जमा हजारों टन कूड़े के निस्तारण की मांग को लेकर गोपीनाथ रावत, यूकेडी के वरिष्ठ नेता संतोष सेमवाल, भानू प्रताप रावत सहित अन्य लोग अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं। इस आंदोलन को कांग्रेस सहित विभिन्न संगठनों, छात्रसंघ नेताओं और सामाजिक संस्थाओं का भी समर्थन मिल रहा है।

धरनास्थल पर पहुंचे शीतकालीन यात्रा के कुछ यात्रियों ने भी प्रशासन से नाराजगी जताते हुए कहा कि कभी बेहद खूबसूरत रहा उत्तरकाशी आज कूड़े के ढेरों से बदनाम हो रहा है।

गंगा प्रदूषण की चेतावनी
आंदोलनकारियों का कहना है कि ताबांखानी में जमा कूड़े से गंगा नदी भी प्रदूषित हो रही है। उन्होंने स्पष्ट चेतावनी दी कि जब तक कूड़े का स्थायी समाधान नहीं होता, तब तक उनका धरना जारी रहेगा।

लगातार प्रकाशित खबरों के आठवें दिन मौके पर पहुंचीं पालिका ईओ शालिनी चित्राण, सफाई निरीक्षक कुसुम राणा और तहसीलदार राजकुमार शर्मा ने आंदोलनकारियों से बातचीत की। इस दौरान ईओ शालिनी चित्राण ने आश्वासन दिया कि पालिका की ओर से तीन माह के भीतर ताबांखानी में रखे कूड़े का निस्तारण कर दिया जाएगा, लेकिन आंदोलनकारी इस आश्वासन से संतुष्ट नहीं हुए।

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