अस्त्र-शस्त्र देने के बाद पांडवों ने किया युद्धाभ्यास

स्याल्दे (अल्मोड़ा)। चिंतोली में आयोजित पांडव लीला जागर के दूसरे दिन का आयोजन रोमांच और श्रद्धा से भरपूर रहा। इस अवसर पर माता कुंती द्वारा पांडवों को अस्त्र-शस्त्र प्रदान किए जाने के बाद क्षेत्र परिधि में पांडवों ने युद्धाभ्यास किया, जिसे देख दर्शक भावविभोर हो उठे।

कार्यक्रम के दौरान भीम द्वारा जरासंध वध का सजीव मंचन किया गया, जिसने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। कड़ाके की ठंड के बावजूद दूर-दराज क्षेत्रों से बड़ी संख्या में लोग जागर देखने पहुंचे और ढोल-नगाड़ों की थाप पर पांडव लीला का आनंद लिया।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि प्रेम सिंह चैनियाल का आयोजकों द्वारा स्वागत किया गया। पांडवों की भूमिकाओं में युधिष्ठिर के रूप में प्रेम सिंह, अर्जुन के रूप में बच्चे सिंह, भीम के रूप में देव सिंह, नकुल के रूप में गब्बर सिंह और सहदेव के रूप में विजय सिंह ने प्रभावशाली अभिनय किया। द्रौपदी की भूमिका देवकी देवी ने निभाई, जबकि जरासंध के रूप में चतुर सिंह बेलवाल ने सशक्त प्रस्तुति दी।

माता कुंती की भूमिका में हीरा देवी और जगरिया ढोल पर बच्ची राम की प्रस्तुति ने जागर को और भी जीवंत बना दिया। पांडव लीला जागर का यह आयोजन धार्मिक आस्था और लोकसंस्कृति की समृद्ध परंपरा को दर्शाता नजर आया।

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