उत्तराखंड में पहली बार होगी कौशल जनगणना, युवाओं के रोजगार के नए अवसर खुलेंगे

देहरादून। उत्तराखंड सरकार अब राज्य के युवाओं को उनकी योग्यता और रुचि के अनुरूप रोजगार से जोड़ने के लिए पहली बार “कौशल जनगणना” कराने जा रही है। कौशल विकास समिति ने इसकी तैयारियां शुरू कर दी हैं। इस पहल का उद्देश्य राज्य में रोजगार सृजन को बढ़ावा देना और कौशल आधारित योजनाओं को जमीनी जरूरतों से जोड़ना है।

देश में अब तक केवल आंध्र प्रदेश के मंगलगिरी विधानसभा और थुल्लूर मंडल में कौशल जनगणना का पायलट प्रोजेक्ट शुरू हुआ है। इस प्रकार उत्तराखंड देश का दूसरा राज्य होगा, जो इस महत्वाकांक्षी पहल को लागू करेगा।

🏗️ क्या है कौशल जनगणना का उद्देश्य

कौशल जनगणना से यह पता लगाया जाएगा कि—

  • राज्य में किन-किन कौशलों की सबसे अधिक मांग है,
  • किन क्षेत्रों में रोजगार या प्रशिक्षण की जरूरत है,
  • और युवाओं की रुचि किस प्रकार के कौशल में अधिक है।

नोडल अधिकारी पंकज कुमार के अनुसार शासन से इसकी अनुमति मिल चुकी है। वर्तमान में डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) तैयार करने के लिए कंसल्टेंसी फर्म का चयन किया जा रहा है। रिपोर्ट तैयार होते ही योजना की पूरी रूपरेखा स्पष्ट होगी।

📊 कैसे होगी गणना

  • युवाओं की शैक्षणिक योग्यता और कौशल स्तर से जुड़ी जानकारी एकत्र की जाएगी।
  • उद्योगों से भी उनकी कौशल आवश्यकताओं की जानकारी ली जाएगी।
  • एकत्रित डाटा के आधार पर प्रत्येक व्यक्ति को एक “कौशल आईडी” दी जाएगी, जो उसके हुनर का डिजिटल रिकॉर्ड होगी।

यह आईडी सरकार को यह समझने में मदद करेगी कि राज्य के किस क्षेत्र में कौन-सा कौशल प्रबल है और कहां प्रशिक्षण की आवश्यकता है।

💼 क्या होंगे लाभ

  • राज्य में मौजूद कौशल का व्यापक मूल्यांकन संभव होगा।
  • उद्योगों की जरूरत और लोगों की योग्यता के बीच मौजूद कौशल अंतराल को कम किया जा सकेगा।
  • युवाओं को उद्योगों की मांग के अनुरूप प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे
  • सरकार को शिक्षा और रोजगार नीतियों में डाटा-आधारित सुधार करने में मदद मिलेगी।

🌐 डाटा संग्रह की प्रक्रिया

अभी यह तय नहीं हुआ है कि जनगणना ऑनलाइन होगी या ऑफलाइन। समिति इस पर विचार कर रही है ताकि प्रक्रिया पारदर्शी और सुलभ रहे।

🧭 आंध्र प्रदेश मॉडल से प्रेरणा

आंध्र प्रदेश में यह परियोजना दो चरणों में चल रही है—

  1. पहले चरण में कंपनियों की कौशल आवश्यकताओं की जानकारी जुटाई जा रही है।
  2. दूसरे चरण में 15 से 59 वर्ष आयु वर्ग के लोगों के कौशल और शिक्षा संबंधी डाटा एकत्र किया जा रहा है।
    वहां इंफोसिस कंपनी इस परियोजना को लागू कर रही है।

 

Leave a Reply