शुभ मुहूर्त में शीतकाल के लिए बंद हुए गंगोत्री धाम के कपाट, उमड़े श्रद्धालु
उत्तरकाशी।कार्तिक माह के शुभ मुहूर्त में बुधवार को सुबह 11:30 बजे गंगोत्री धाम में मां गंगा मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए विधिवत रूप से बंद कर दिए गए। कपाट बंद होते ही पूरा धाम “जय मां गंगे” के जयकारों से गूंज उठा। मां गंगा की उत्सव डोली को अब शीतकालीन प्रवास के लिए मुखबा गांव ले जाया जाएगा, जहां आगामी छह माह तक उनकी पूजा-अर्चना होगी।
कपाट बंद होने से पहले मंदिर को भव्य रूप से सजाया गया और विशेष पूजाएं संपन्न कराई गईं। इस दौरान श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी, जो मां गंगा के दर्शन कर पुण्य अर्जित करने पहुंची थी।
अगले क्रम में बंद होंगे यमुनोत्री और केदारनाथ धाम
भैयादूज पर 23 अक्तूबर को मां यमुना मंदिर (यमुनोत्री धाम) के कपाट दोपहर 12:30 बजे शीतकाल के लिए बंद किए जाएंगे। इसके बाद मां यमुना की उत्सव मूर्ति के दर्शन उनके शीतकालीन प्रवास स्थल खरसाली गांव में होंगे।
वहीं, केदारनाथ धाम के कपाट भी उसी दिन सुबह 8:30 बजे बंद होंगे, जबकि बदरीनाथ धाम के कपाट 25 नवंबर अपराह्न 2:56 बजे बंद किए जाएंगे।
श्रद्धालुओं का आंकड़ा 50 लाख के पार
चारधाम यात्रा अपने अंतिम चरण में पहुंच चुकी है। इस सीजन में अब तक 49.30 लाख से अधिक श्रद्धालु चारधाम के दर्शन कर चुके हैं। तीनों धामों के कपाट बंद होने तक यह संख्या 50 लाख का आंकड़ा पार कर जाएगी।
गंगोत्री और यमुनोत्री धामों में इस वर्ष कुल 14,02,128 तीर्थयात्री पहुंचे — जिनमें गंगोत्री धाम में 7,57,762 और यमुनोत्री धाम में 6,44,366 श्रद्धालु शामिल रहे।
स्थानीय लोगों की उम्मीदें
स्थानीय व्यापारी आशीष सेमवाल और विनय उनियाल ने बताया कि सर्दियों में भी गंगा और यमुना के शीतकालीन पड़ाव वाले मुखबा और खरसाली गांवों तक यात्रा जारी रखी जा सकती है। इससे देश-विदेश से आने वाले तीर्थयात्रियों को न केवल पूजा-अर्चना का अवसर मिलेगा बल्कि वे पहाड़ की खूबसूरत बर्फबारी का भी आनंद ले सकेंगे।