75 वर्ष की आयु में मिली पीएचडी की उपाधि, नवोदित शोधार्थियों के लिए मिसाल बने ज्योतिष चंद्र घिल्डियाल
डोईवाला। उम्र कभी सीखने में बाधा नहीं बनती—इस कहावत को साकार किया है 75 वर्षीय ज्योतिष चंद्र घिल्डियाल ने, जिन्हें स्पर्श हिमालय विश्वविद्यालय की ओर से पीएचडी की उपाधि प्रदान की गई है।
राज्य में यह पहला अवसर है जब किसी विश्वविद्यालय ने 75 वर्ष के शोधार्थी को डॉक्टरेट की उपाधि दी हो। घिल्डियाल ने अपने शोध में ‘जाख पूजा और यक्ष पूजा’ पर विस्तार से कार्य किया। यह शोध रंगमंच विभाग के अंतर्गत प्रो. दाताराम पुरोहित के निर्देशन में पूर्ण हुआ, जबकि बाह्य परीक्षक प्रो. हेमंत कुमार शुक्ला रहे।
पूर्व केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने ज्योतिष चंद्र घिल्डियाल को उपाधि प्रदान करते हुए कहा कि उन्होंने नवोदित शोधार्थियों के लिए प्रेरणास्रोत बनने का कार्य किया है।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय की उपाध्यक्ष विदुषी निशंक, कुलपति प्रो. जी.एस. रजवार, डीन रिसर्च प्रो. शिवकुमार श्रीवास्तव, डीन एकेडमिक प्रो. राजुल दत्त, कुलसचिव अरविंद अरोड़ा, और संस्था सचिव बालकृष्ण चमोली उपस्थित रहे।