महिलाओं का आर्थिक सशक्तीकरण विकास को देता है गति
पीएम नरेंद्र मोदी ने आज महिला सशक्तिकरण पर जी20 मंत्रिस्तरीय सम्मेलन को संबोधित किया। इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि महिलाओं का आर्थिक सशक्तीकरण विकास को गति देता है और शिक्षा तक उनकी पहुंच वैश्विक प्रगति आगे बढ़ाती है। उन्होंने कहा कि महिलाओं का नेतृत्व समावेशिता को बढ़ावा देता है और उनकी आवाज सकारात्मक बदलाव के लिए प्रेरित करती है।
मोदी ने कहा कि भारत की राष्ट्रपति भी इसका एक बहुत बड़ा उदाहरण हैं। वे विनम्र जनजातीय पृष्ठभूमि से आती हैं और वे अब दुनिया की सबसे बड़े लोकतंत्र का नेतृत्व कर रही हैं और दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी सुरक्षा बल की प्रमुख कमांडर के रूप में कार्य कर रही हैं। इस लोकतंत्र की जननी में सभी को, शुरुआत से ही, मतदान देने का अधिकार समान रूप से मिला है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि गांधी जी का चरखा भी एक महिला जिनका नाम गंगा बेन है, उनको ही मिला था। जब महिला सशक्त होती हैं तो दुनिया सशक्त होती है। आर्थिक सशक्तिकरण विकास को बढ़ावा देता है। शिक्षा तक उनकी पहुंच वैश्विक प्रगति को बढ़ावा देती है, उनका नेतृत्व समावेशिता को बढ़ावा देता है और उनकी आवाजें सकारात्मक बदलाव को प्रेरित करती हैं। लोकतंत्र की इस जननी में भारतीय संविधान द्वारा शुरू से ही महिलाओं सहित सभी नागरिकों को वोट देने का अधिकार समान रूप से दिया गया था।
उन्होंने कहा कि वे चुनाव लड़ने का अधिकार भी समान आधार पर दिया गया। उन्होंने कहा कि निर्वाचित महिला प्रतिनिधि आर्थिक, पर्यावरणीय और सामाजिक परिवर्तन की प्रमुख एजेंट रही हैं। 14 लाख की आबादी के साथ, भारत में ग्रामीण स्थानीय निकायों में 46% निर्वाचित प्रतिनिधि महिलाएँ हैं। स्वयं सहायता समूहों में महिलाओं की सक्रियता भी परिवर्तन के लिए एक शक्तिशाली शक्ति रही है।
मोदी ने कहा कि महामारी के समय में, स्वयं सहायता समूह और निर्वाचित महिला प्रतिनिधि हमारे समुदायों के लिए समर्थन के स्तंभ बनकर उभरे। भारत में 80% से अधिक नर्सें और दाइयां महिलाएं हैं। महामारी के दौरान वे हमारी रक्षा की पहली पंक्ति थे। हमें उनकी उपलब्धियों पर गर्व है। उन्होंने कहा कि भारत में महिलाओं के नेतृत्व वाला विकास हमारे लिए एक प्रमुख प्राथमिकता रही है। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत लगभग 70% ऋण महिलाओं को स्वीकृत किए गए हैं। ये रुपये तक के ऋण हैं। इसी तरह, स्टैंड अप इंडिया के तहत 80% लाभार्थी महिलाएं हैं जो ग्रीनफील्ड परियोजनाओं के लिए बैंक ऋण ले रही हैं।