केदारनाथ मंदिर में मोबाइल बंद करने के बाद ही गर्भगृह भेजे जा रहे हैं यात्री
रुद्रप्रयाग। केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह की एक के बाद एक कई वीडियो वायरल होने के बाद अब बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति यात्रियों से उनके मोबाइल स्विच ऑफ कराने के बाद ही उन्हे गर्भगृह में भेज रही है। धाम में प्रतिदिन कम होती दर्शनार्थियों की संख्या के चलते गर्भगृह से दर्शन शुरू हो गए हैं। साथ ही दोपहर को बाबा केदार के बाल भोग के उपरांत दो घंटे मंदिर बंद किया जा रहा है। वहीं, रात 11 बजे तक ही दर्शन कराए जा रहे हैं।
बीकेटीसी ने भक्तों के लिए गर्भगृह से दर्शन की अनुमति दे दी है। इस दौरान गर्भगृह से पहले ही श्रद्धालुओं के मोबाइल फोन स्विच ऑफ कराए जा रहे हैं ताकि कोई भी यात्री गर्भगृह में अपने मोबाइल से कोई वीडियो न बना सके और न फोटो खींच पाए। यही नहीं, मंदिर समिति के कर्मचारी मुस्तैद होकर चौकसी कर रहे हैं।
बीकेटीसी के अनुसार, केदारनाथ में यात्रियों की संख्या कम होने से अब सुबह चार से अपराह्न तीन बजे तक धर्म दर्शन कराए जा रहे हैं। इसके बाद बाबा केदार को बाल भोग लगाने और गर्भगृह की साफ-सफाई के लिए मंदिर को तीन से पांच तक दो घंटे बंद रखा जा रहा है। इसके बाद पांच बजे से रात 11 बजे तक श्रृंगार दर्शन कराए जा रहे हैं। साथ ही शाम छह से सात बजे तक सांयकालीन आरती हो रही है।
बीकेटीसी के सीईओ योेगेंद्र सिंह और एसीईओ रमेश चंद्र तिवारी ने बताया कि गर्भगृह में प्रवेश से पहले प्रत्येक यात्री का मोबाइल बंद कराया जा रहा है। यात्रियों की संख्या में कमी हो रही है जिसके चलते अब गर्भगृह से दर्शन शुरू कर दिए हैं। अगर, भीड़ बढ़ती है तो पुन: सभामंडप से ही दर्शन कराए जाएंगे।
केदारनाथ यात्रा की रीढ़ कहे जाने वाले घोड़ा-खच्चरों से दो माह में 82 करोड़, 43 लाख से अधिक का कारोबार हो चुका है। यात्रा में अब तक 318374 श्रद्धालु दो तरफा सवारी कर चुके हैं। इन जानवरों से केदारघाटी सहित अन्य क्षेत्र के लगभग 20 हजार परिवारों की आजीविका को बल मिल रहा है। 25 अप्रैल से शुरू हुई केदारनाथ यात्रा में पशुपालन विभाग और जिला पंचायत के माध्यम से यात्रियों के लिए 6933 घोड़ा-खच्चरों का पंजीकरण किया गया जबकि 1000 घोड़ा-खच्चर यात्रा से जुड़ी सामग्री के ढुलान के लिए पंजीकृत किए गए थे।