लड़खड़ाता सिस्टम, मुस्कुरातीं सिस्टर… खुले मन से करती हैं सेवा

देहरादून। अस्पतालों में जहां स्टाफ की कमी से सिस्टम लड़खड़ाया हुआ है। वहीं, कम वेतन में ज्यादा काम करने के बाद भी नर्स (सिस्टर) मुस्कुराते हुए मरीजों की सेवा कर रही हैं। डॉक्टर मरीज का इलाज तो करते हैं, लेकिन एक नर्स ही होती है जो अपने शालीन व्यवहार और अपनेपन के साथ मरीज की देखभाल करती हैं। इससे मरीज को भी जल्द स्वस्थ होने में सहायता मिलती है।

अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस पर अमर उजाला ने अस्पतालों की स्थिति जानीं तो नर्सिंग स्टाफ की भारी कमी सामने आई। दून अस्पताल हो या कोरोनेशन सभी जगह आधे से ज्यादा पद खाली हैं। इससे कई नर्सों का काम एक नर्स को करना पड़ रहा है। इसके बाद भी वह अपनी मुस्कुराहट कम नहीं करतीं। कोरोनेशन अस्पताल की प्रमुख चिकित्सा अधीक्षिका डॉ. शिखा जंगपांगी ने बताया कि अस्पताल में 300 बेड हैं, लेकिन नर्सों की संख्या सिर्फ 40 है।

उन्होंने बताया कि इंडियन पब्लिक हेल्थ स्टैंडर्ड (आईपीएचएस) के मानकों के मुताबिक 300 बेड के अस्पताल में 135 नर्स होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि स्टाफ बढ़ाने के लिए शासन से बात चल रही है। वहीं, दून मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की बात करें तो यहां करीब 720 बेड पर नर्स के 392 पद हैं। इनमें से 100 से अधिक पद खाली पड़े हैं। प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना ने बताया कि भर्ती के लिए आउटसोर्सिंग एजेंसी को लगातार लिखा जा रहा है।

उत्तराखंड नर्सेज सर्विसेज एसोसिएशन की जिला महामंत्री वीर कौर सैनी ने बताया कि किसी भी अस्पताल में मानक के अनुरूप नर्स नहीं है। वहीं, संविदा पर कार्यरत नर्सों का वेतन भी बहुत कम रहता है। बताया कि पहले वह दून अस्पताल में नर्स थीं, लेकिन अब डीजी ऑफिस में वेतन बनाने का काम दे दिया गया है। हमारा काम ही हमसे छीन लिया गया, ऐसे में नर्सिंग दिवस मनाएं तो कैसे?


नर्स तो अस्पताल की रीढ़ होती हैं। नर्स को हर समय मरीज के साथ रहना होता है। कम वेतन और अधिक काम के बोझ के कारण कई नर्स नौकरी छोड़ देती हैं। ऐसे में बचे स्टाफ पर काम का और ज्यादा बोझ आ जाता है।
– मुकेश सिंह, नर्सिंग ऑफिसर, दूून अस्पताल


हमारी सैलरी 13 हजार है, लेकिन हम अपना काम पूरी ईमानदारी और मेहनत से करते हैं। मरीज के इलाज में कोई लापरवाही न हो इसका ख्याल रखते हैं।
– रजनी नेगी, स्टाफ नर्स, दून अस्पताल


मरीज के इलाज में डॉक्टर की तरह नर्स का भी अहम रोल होता है। डॉक्टर मरीज का इलाज करता है और नर्स भर्ती के बाद मरीज की देखभाल। दवाओं से लेकर मरीज के खानपान का ध्यान नर्स ही रखती हैं।
– अनामिका कश्यप, स्टाफ नर्स, दून अस्पताल

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