रंजन मिश्रा बने वन विभाग के नए मुखिया

देहरादून।  देहरादून  में राज्य सरकार ने एक महत्वपूर्ण प्रशासनिक निर्णय लेते हुए पीसीसीएफ (वन्यजीव) रंजन मिश्रा को उत्तराखंड वन विभाग का नया प्रमुख वन संरक्षक (हॉफ) नियुक्त कर दिया है। इस नियुक्ति को लेकर वन विभाग ने औपचारिक आदेश जारी कर दिए हैं। प्रमुख वन संरक्षक समीर सिन्हा 30 नवंबर को अपने पद से सेवानिवृत्त हुए, जिसके बाद यह निर्णय अंतिम रूप से लिया गया। इस पद के चयन के लिए 25 नवंबर को विभागीय पदोन्नति समिति (डीपीसी) की बैठक हुई थी, जिसमें कई वरिष्ठ अधिकारियों के नामों पर विस्तृत चर्चा की गई। विभाग के अनुसार, प्रमुख वन संरक्षक प्रशासन बीपी गुप्ता, जो 1992 बैच के आईएफएस और सेवा में वरिष्ठता के आधार पर दूसरे नंबर के अधिकारी हैं, वे भी इस पद के दावेदार माने जा रहे थे। इसके साथ ही 1993 बैच के आईएफएस अधिकारी रंजन मिश्रा भी इस सूची में शामिल थे।

राज्य गठन के बाद यह पहला मौका है जब सबसे वरिष्ठ अधिकारी को शीर्ष पद नहीं दिया गया है और उसके स्थान पर जून 2026 तक सेवा अवधि रखने वाले रंजन मिश्रा को वन विभाग का मुखिया नियुक्त किया गया है। वरिष्ठता के परंपरागत क्रम से हटकर लिया गया यह निर्णय विभागीय और प्रशासनिक चर्चाओं का विषय बना हुआ है, क्योंकि आमतौर पर हॉफ के पद पर उसी अधिकारी को नियुक्त किया जाता था जो विभाग में सर्वाधिक वरिष्ठ होता है। बताया जा रहा है कि बीपी गुप्ता 31 दिसंबर 2025 को सेवानिवृत्त होने वाले हैं, जबकि रंजन मिश्रा का कार्यकाल जून 2026 तक रहेगा, जिसके कारण कार्यकाल की स्थिरता और विभागीय निरंतरता भी चयन का एक कारक मानी जा रही है।

वन मंत्री सुबोध उनियाल ने स्पष्ट किया है कि इस पद की नियुक्ति पूरी तरह से एक विधिवत प्रक्रिया के तहत की जाती है, जिसमें मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित कमेटी निर्णय लेती है। इस कमेटी में प्रमुख सचिव वन, प्रमुख वन संरक्षक और पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा नामित अधिकारी शामिल होते हैं। इसी कमेटी की सिफारिश पर सरकार ने रंजन मिश्रा को हॉफ के पद पर नियुक्त करने का निर्णय लिया। यह चयन उत्तराखंड वन विभाग की प्रशासनिक व्यवस्था में एक महत्वपूर्ण मोड़ माना जा रहा है, क्योंकि इससे वरिष्ठता के बजाय प्रशासनिक मूल्यांकन, कार्यकाल, अनुभव और विभागीय जरूरतों को प्राथमिकता दिए जाने का संदेश जाता है।

इस निर्णय से विभाग के भीतर नए नेतृत्व के साथ एक नई कार्यशैली की उम्मीदें भी जुड़ी हैं। रंजन मिश्रा अब राज्य के वनों, वन्यजीव संरक्षण, जलवायु कार्रवाई और विभागीय सुधारों के लिए महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों का निर्वहन करेंगे। उनका कार्यकाल आने वाले महीनों में राज्य के वन प्रबंधन ढांचे को किस दिशा में आगे बढ़ाता है, इस पर सभी की नजर रहेगी।

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