रिकॉर्ड बना, मगर अब असली परीक्षा बाकी है: उत्तराखंड की राजनीति में धामी सरकार के चार साल

उत्तराखंड।उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लगातार चार साल तक सरकार चलाकर एक नया रिकॉर्ड बनाया है। हालांकि, अब राज्य में पूर्ण पांच साल का कार्यकाल पूरा करने की चुनौती बाकी है—जो अब तक केवल नारायण दत्त तिवारी की कांग्रेस सरकार ने पूरी की है।

भाजपा की स्थिरता की ओर बढ़ता कदम

राज्य गठन के 25 वर्षों में अब तक 12 मुख्यमंत्री बन चुके हैं। अस्थिरता की यह छवि भाजपा बदलना चाहती है। धामी की चुनावी हार के बावजूद पार्टी ने उन पर भरोसा जताया और कमान नहीं छीनी। यह पार्टी नेतृत्व के संदेश और संतुलन की राजनीति का संकेत है।

पुरानी भाजपा और आज की भाजपा में फर्क

कभी संगठन और सरकार के बीच की खींचतान आज नजर नहीं आती। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के रूप में सांसद महेंद्र भट्ट की वापसी भी इस संतुलन की पुष्टि करती है। कार्यकर्ताओं और नेताओं को साफ संदेश दिया गया है कि पार्टी नेतृत्व एकजुटता और स्थिरता को प्राथमिकता दे रहा है।

विपक्ष नहीं, अपनों से चुनौती

धामी सरकार के सामने इस बार विपक्ष की आक्रामकता नहीं, बल्कि समय-समय पर आंतरिक चुनौतियाँ बड़ी रही हैं। पूर्व सरकारों का कार्यकाल पूर्ण न हो पाने की वजह अक्सर दलीय कलह और नेतृत्व विवाद रहे हैं। लेकिन इस बार माहौल अलग है।

2027 की तैयारी शुरू

मुख्यमंत्री और भाजपा नेतृत्व 2027 के विधानसभा चुनावों के लिए रणनीति बना चुके हैं। सरकार के कार्यों को लेकर विपक्ष की ओर से कोई बड़ा दबाव नहीं है, जो धामी सरकार के लिए सकारात्मक संकेत हैं।

निष्कर्ष

चार साल का यह सफर भले ही सफल और स्थिरता भरा रहा हो, लेकिन पूर्ण कार्यकाल का मुकाम अब भी एक राजनीतिक चुनौती है। यदि धामी यह रिकॉर्ड भी तोड़ते हैं, तो वह उत्तराखंड के पहले भाजपा मुख्यमंत्री होंगे जो पाँच साल तक सरकार चलाने में सफल रहेंगे — और यही भविष्य की सबसे बड़ी परीक्षा है।

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