उत्‍तराखंड : स्कूलों की भांति बनेंगे क्लस्टर डिग्री कालेज व विश्वविद्यालय

देहरादून। प्रदेश में उच्च शिक्षा में गुणवत्ता लाने के लिए क्लस्टर डिग्री कालेजों और विश्वविद्यालयों की स्थापना की जाएगी। इसके लिए राजकीय डिग्री कालेजों और विश्वविद्यालयों को उत्कृष्टता केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत प्राथमिक, माध्यमिक से लेकर उच्च शिक्षा तक गुणवत्तायुक्त शिक्षण संस्थानों के विकास पर विशेष बल दिया जा रहा है।

संख्या बल के रूप में अभी तक कार्यरत उच्च शिक्षण संस्थानों को राष्ट्रीय स्तर पर उभारने के लिए उनके संसाधनों का परस्पर बेहतर तरीके से उपयोग किया जाएगा। इसे ध्यान में रखकर निकटवर्ती राजकीय डिग्री कालेजों को आवश्यकता के आधार पर क्लस्टर और स्वायत्त कालेजों के रूप में तैयार किया जाएगा।

प्रारंभिक और माध्यमिक शिक्षा के स्तर पर इस दिशा में कदम बढ़ाए जा चुके हैं। सरकार 603 प्राथमिक और 76 उच्च प्राथमिक विद्यालयों को क्लस्टर विद्यालय के रूप में विकसित करने का निर्णय ले चुकी है। इसी प्रकार माध्यमिक स्तर पर 1520 राजकीय इंटर कालेजों को मिलाकर 559 क्लस्टर विद्यालय बनाए जाएंगे।

इन क्लस्टर विद्यालयों में हर तरह से आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे। विषयवार पर्याप्त संख्या में शिक्षकों की तैनाती होगी। ये विद्यालय उत्कृष्टता केंद्र के रूप में शिक्षा की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देंगे। उच्च शिक्षा में भी माडल कालेज स्थापित किए जा रहे हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत आने वाले वर्षों में राजकीय महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों को अलग से स्वायत्त शिक्षण संस्थाओं का दर्जा दिया जाएगा।

इन्हें विद्यार्थी केंद्रित स्वायत्त संस्थानों के रूप में विकसित किया जाएगा। इनमें बहु विषयक शिक्षा, डिजिटल लर्निंग, ई-गवर्नेंस पर विशेष रूप से ध्यान दिया जाएगा। इन्हें आधुनिक रूप से विकसित करने में सूचना संचार और प्रौद्योगिकी की विशेष भूमिका होगी। इसकी प्रारंभिक परियोजना रिपोर्ट तैयार की जा चुकी है। इस कार्य को एशियन विकास बैंक की वित्तीय सहायता से पूरा किया जाना है।

उच्च शिक्षा मंत्री डा धन सिंह रावत ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के उद्देश्य के अंतर्गत अधिक संख्या में उत्कृष्ट उच्च शिक्षण संस्थान तैयार किए जाने हैं। आधुनिक तकनीकी, पाठ्यक्रम विशेषकर बाजार की मांग आधारित पाठ्यक्रम, डिजिटल लर्निंग को केंद्र में रखकर शोध आधारित स्वायत्त महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों को तैयार किया जाएगा। इस दिशा में सरकार के स्तर से प्रयास किए जा रहे हैं। आने वाले वर्षों में उत्तराखंड के विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा के लिए अन्य राज्यों का रुख करने की आवश्यकता नहीं होगी।

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