सोशल मीडिया की दिल्लगी पड़ रही भारी, युवतियों की मदद से बढ़ रहे हनीट्रैप साइबर ठगी के मामले

लक्सर । लक्सर और उसके आसपास के क्षेत्रों में सोशल मीडिया की अनजानी दोस्तियां कई लोगों की जेब पर भारी पड़ रही हैं। युवतियों की मदद से सक्रिय साइबर ठगों के गिरोह तेजी से हनीट्रैप में फंसा कर लोगों को ठगने की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। इसमें केवल युवा वर्ग ही नहीं, बल्कि अधेड़ उम्र के लोग भी प्रेमजाल, वीडियो कॉलिंग, ऑनलाइन ट्रेडिंग के नाम पर मोटे मुनाफे का लालच और बाद में ब्लैकमेलिंग जैसी कुटिल तरकीबों का शिकार बन रहे हैं। कई मामले पुलिस तक पहुंच रहे हैं, लेकिन बदनामी के डर से कई पीड़ित शिकायत दर्ज कराने तक की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे।

इन मामलों में सबसे खतरनाक प्रवृत्ति यह सामने आई है कि सोशल मीडिया पर पहली मुलाकात से लेकर प्रेमपाश तक और फिर मुनाफे के झांसे तक पूरा ठगी तंत्र बेहद संगठित तरीके से काम करता है। युवतियां पहले सोशल मीडिया पर दोस्ती बढ़ाती हैं, बातचीत के दौरान भावनात्मक संबंध बनाने का भ्रम पैदा करती हैं और फिर धीरे-धीरे निवेश के अवसर दिखाकर या अश्लील वीडियो तैयार कर ब्लैकमेलिंग के जरिए भारी रकम वसूली जाती है। पीड़ितों का कहना है कि वे सामान्य बातचीत को रिश्ते की तरह मान बैठे, जिसके बाद ठगों ने तेजी से उन्हें अपने जाल में उलझा लिया।

लक्सर क्षेत्र में सामने आए मामलों में अधेड़ पुरुष अधिक संख्या में देखे जा रहे हैं, जो भावनात्मक आकर्षण या अकेलेपन में साइबर ठगों के निशाने पर आ रहे हैं। इनमें से कई लोग अपनी मेहनत की जमा पूंजी इस झांसे में गंवा बैठे। क्योंकि ठग सोशल मीडिया चैट्स और वीडियो कॉल के माध्यम से पीड़ितों की कमजोरियों को समझ कर उन्हें आर्थिक और भावनात्मक रूप से जकड़ लेते हैं। पुलिस का कहना है कि कई बार पीड़ित लोकलाज के कारण शिकायत ही नहीं करते, जिससे गिरोह के हौसले और बढ़ जाते हैं।

लक्सर कोतवाली प्रभारी निरीक्षक राजीव रौथाण ने लोगों को चेतावनी देते हुए कहा कि सोशल मीडिया पर अनजान लोगों से की गई दोस्ती अक्सर खतरनाक हो सकती है। उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति द्वारा निवेश के लिए प्रेरित करना, वीडियो कॉलिंग के नाम पर अनुचित व्यवहार करना, अथवा समूह में शामिल करने के नाम पर निजी जानकारी मांगना स्पष्ट संकेत है कि सामने वाला व्यक्ति ठगी की मंशा रखता है। ऐसे मामलों में तुरंत पुलिस से संपर्क करना चाहिए, क्योंकि ब्लैकमेलरों को पैसे देने से वे और अधिक आक्रामक हो जाते हैं।

क्षेत्र में हाल ही में जो मामले सामने आए हैं, उनमें एक युवती द्वारा लक्सर के दो युवकों को कथित तौर पर डेढ़ करोड़ से अधिक के साइबर ठगी नेटवर्क में शामिल कर देना, एक सेवानिवृत्त शिक्षक से ऑनलाइन ट्रेडिंग के नाम पर सात लाख रुपये हड़प लेना, एक युवक से दस लाख रुपये निकाल लेना और एक व्यापारी से अश्लील वीडियो के माध्यम से पचास हजार रुपये वसूल लेना शामिल है। इन घटनाओं से स्पष्ट है कि साइबर ठग भावनाओं को हथियार बनाकर लोगों को जाल में फंसाते हैं और पूरी योजना के साथ उनकी आर्थिक स्थिति को नुकसान पहुंचाते हैं।

पुलिस लगातार जागरूकता कार्यक्रम चला रही है और लोगों से अपील कर रही है कि सोशल मीडिया पर अनजान प्रोफाइल से बात करने से पहले सावधानी बरतें, व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें, निवेश के झांसे से दूर रहें और किसी भी रूप में ब्लैकमेलिंग होने पर बिना हिचक पुलिस से संपर्क करें। जागरूकता ही ऐसे अपराधों से बचने का सबसे मजबूत माध्यम है, क्योंकि साइबर ठग तकनीकी कौशल और मानवीय भावनाओं दोनों का इस्तेमाल कर अपराध को अंजाम देते हैं।

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