कार्तिक पूर्णिमा पर हरिद्वार में उमड़ा आस्था का सैलाब, हरकी पैड़ी पर लाखों श्रद्धालुओं ने लगाई पावन डुबकी
हरिद्वार। कार्तिक पूर्णिमा के पावन अवसर पर बुधवार को हरिद्वार में श्रद्धा और भक्ति का अद्भुत संगम देखने को मिला। भोर होते ही हरकी पैड़ी और गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। भरी ठंड के बावजूद लाखों श्रद्धालुओं ने मां गंगा में पावन डुबकी लगाई और पुण्य की कामना की।
आस्था से भरे इस माहौल में हरकी पैड़ी का दृश्य अत्यंत दिव्य और अलौकिक हो उठा। रात से ही श्रद्धालुओं का आगमन शुरू हो गया था, और ब्रह्म मुहूर्त में गंगा तट पूरी तरह श्रद्धालुओं से भर गया। भोर की पहली किरण के साथ ही लोगों ने ‘हर हर गंगे’ और ‘गंगा माता की जय’ के जयकारों के बीच स्नान आरंभ किया। गंगा तटों पर दीपक जलाते, मंत्रोच्चार करते और प्रार्थना में लीन श्रद्धालुओं की भीड़ ने हरिद्वार को एक विशाल तीर्थ नगरी का स्वरूप दे दिया।
कार्तिक पूर्णिमा का पर्व धार्मिक दृष्टि से अत्यंत पवित्र माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन देवता स्वयं धरती पर अवतरित होकर गंगा स्नान करते हैं। इसलिए इसे देव दीपावली के रूप में भी मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन गंगा स्नान करने से सभी पापों का नाश होता है और मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
गंगा स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने हर की पैड़ी पर दीपदान किया और परिवार की सुख-समृद्धि के लिए प्रार्थना की। कई साधु-संतों, अखाड़ों के प्रतिनिधियों और दूर-दराज से आए तीर्थयात्रियों ने भी इस पवित्र पर्व में भाग लिया। प्रशासन ने सुरक्षा और व्यवस्था के विशेष इंतज़ाम किए थे, जिससे भीड़ के बावजूद सब कुछ शांतिपूर्ण और सुव्यवस्थित रहा।
कार्तिक पूर्णिमा के इस शुभ अवसर पर हरिद्वार की गलियां, घाट और बाजार भक्ति, दीपों और मंत्रों की गूंज से जगमगा उठे। मां गंगा की आरती और श्रद्धालुओं के उत्साह ने इस धार्मिक पर्व को एक आध्यात्मिक उत्सव में बदल दिया।

