दीपावली पर काशीपुर में सबसे अधिक ध्वनि प्रदूषण, टिहरी रही सबसे शांत, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जारी की रिपोर्ट
देहरादून। दीपावली के दौरान उत्तराखंड में सबसे अधिक ध्वनि प्रदूषण काशीपुर में दर्ज किया गया, जबकि टिहरी जिले की स्थिति सबसे बेहतर पाई गई। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा किए गए सर्वेक्षण में सामने आया कि दीपावली के दो दिनों में कई शहरों में शोर का स्तर चिंताजनक रूप से बढ़ गया।
बोर्ड ने 13 से 27 अक्तूबर तक राज्यभर में वायु और ध्वनि प्रदूषण की निगरानी की थी। 13 और 14 अक्तूबर की तुलना में दीपावली के मुख्य दिनों यानी 20 और 21 अक्तूबर को ध्वनि प्रदूषण के स्तर में भारी बढ़ोतरी दर्ज की गई। काशीपुर में शोर का स्तर सामान्य दिनों की तुलना में करीब 77 प्रतिशत बढ़कर 119.68 डेसीबल तक पहुंच गया, जो बेहद खतरनाक माना जाता है।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, दूसरे नंबर पर रुद्रपुर का आवास विकास क्षेत्र रहा, जहां पर 114.33 डेसीबल शोर दर्ज किया गया। यहां एक सप्ताह के भीतर ही ध्वनि प्रदूषण में 65 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। तीसरे स्थान पर भी काशीपुर का एमपी चौक रहा, जहां शोर का स्तर 113.18 डेसीबल तक पहुंचा।
देहरादून में सबसे अधिक ध्वनि प्रदूषण घंटाघर क्षेत्र में, ऋषिकेश में नटराज चौक, हरिद्वार में शिवालिक नगर और हल्द्वानी में शीशमहल क्षेत्र में दर्ज किया गया। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने आठ शहरों — देहरादून, ऋषिकेश, टिहरी, नैनीताल, हल्द्वानी, काशीपुर, रुद्रपुर और हरिद्वार — में ध्वनि स्तर की जांच की थी।
रिपोर्ट के अनुसार, टिहरी जिले में सबसे बेहतर स्थिति रही, जहां ध्वनि प्रदूषण का स्तर अनुमेय सीमा के भीतर पाया गया। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि लगातार इस तरह के उच्च शोर स्तर से स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है, खासकर बुजुर्गों, बच्चों और हृदय रोगियों के लिए।

