रंगबाजी में गई हिस्ट्रीशीटर भोलू ठाकुर की जान, हुआ अंतिम संस्कार, एक गिरफ्तार
अल्मोड़ा। अलीगढ़ में जवां क्षेत्र के गांव गढि़या भोजपुर के सजायाफ्ता हिस्ट्रीशीटर सुनील उर्फ भोलू ठाकुर की रविवार रात हुई हत्या दोस्त के झगड़े में दिखाई गई रंगबाजी के कारण हुई है। यह तथ्य पुलिस की जांच में सामने आया है। परिवार ने भी इसी तथ्य को उजागर करते हुए दो नामजद व आधा दर्जन अज्ञात पर मुकदमा दर्ज कराया है। पुलिस ने एक नामजद को गिरफ्तार कर लिया है।
दोपहर बाद पोस्टमार्टम के बाद पैतृक गांव में पुलिस की निगरानी में अंतिम संस्कार किया गया। बता दें कि पिता की हत्या का बदला लेने के लिए भोलू ठाकुर ने नाबालिग उम्र में अपराध की दुनिया में कदम रखा था। इसके बाद जिले की कई चर्चित हत्याओं में उसका नाम आया था।
पुलिस की जांच व परिवार से मिली जानकारी के अनुसार, भोलू ठाकुर के दोस्त जवां दहेली के बबलू ने खेरेश्वर चौराहे से आगे चिकावटी के पास हाईवे किनारे सेंट्रल जेल के नाम से कैफे खोला है। रविवार को दिन में इगलास क्षेत्र के विधायक राजकुमार सहयोगी, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष उपेंद्र सिंह नीटू, लोधा ब्लाक प्रमुख हरेंद्र सिंह आदि ने कैफे का उद्घाटन किया था। उस समय भोलू भी वहां मौजूद था।
उद्घाटन के बाद अतिथि व अन्य तमाम लोग तो चले गए। मगर भोलू व उसके कुछ अन्य दोस्त देर रात तक वहां मौजूद रहे। देर रात शराब पार्टी भी हुई। रात करीब 11 बजे जब वह अपनी स्कार्पियो लेकर चलने लगा तो वाहन हटाने को लेकर बबलू की बिल्डिंग के ऊपरी हिस्से में साजन होटल चलाने वाले ग्वालरा के पंकज से कुछ विवाद हुआ। भाई का आरोप है कि इस पर पंकज ने अपने गांव के ही साझेदार चंद्रवीर व अन्य लोगों को बुला लिया।
स्विफ्ट डिजायर कार व बाइकों पर आए इन लोगों ने वहां झगड़ा किया। जब भोलू अपने साथी जवां तेजपुर के सुशील के साथ जाने लगा तो हमलावरों ने उसकी गाड़ी पर ईंट पत्थर बरसा दिए, जिससे दोनों तरफ के शीशे टूट गए। पीछा करते हुए गभाना क्षेत्र में कन्होई कट के पास घेरकर गाड़ी पर फायरिंग कर दी। सीने में गोली लगने से भोलू की मौत हो गई। नशे में होने के कारण सुशील गाड़ी में ही बेहोश पड़ा रहा।
पुलिस की जांच में उजागर हुआ है कि जिस बिल्डिंग में कैफे व होटल चलता है, उस बिल्डिंग का मालिक दहेली जवां का बबलू है। उसने कुछ माह पहले ग्वालरा गभाना के चंद्रवीर को 18 माह के लिखित इकरारनामे पर बिल्डिंग का ऊपरी हिस्सा होटल संचालन के लिए किराये पर दिया था। तय किराये के अनुसार पिछले तीन-चार माह से किराया नहीं दिया गया था। चंद्रवीर ने बिना बबलू की सहमति के यह होटल अपने गांव ग्वालरा के पंकज को ट्रांसफर कर दिया और बबलू को बताया कि उसे साझीदार बना लिया है।
इस बात पर बबलू का चंद्रवीर व पंकज से झगड़ा शुरू हो गया। चार पांच दिन पहले भी दोनों पक्षों में विवाद हुआ। बताया जा रहा है कि उस विवाद में भी भोलू ठाकुर ने बबलू का पक्ष लेते हुए पंकज व चंद्रवीर को फोन कर धमकाया था। दोनों गुटों में मनमुटाव चल रहा था और रात फिर आमना सामना हो गया। भोलू की रंगबाजी से जुड़ी उसी खुन्नस में झगड़ा हत्या तक पहुंच गया।
सीओ गभाना सुमन कनौजिया के अनुसार, भोलू के छोटे भाई राहुल ने पंकज व चंद्रवीर को नामजद और छह-सात अज्ञात को आरोपी बनाते हुए गभाना थाने में मुकदमा दर्ज कराया है, जिसमें कहा गया है कि उसका भाई भोलू, तेजपुर का सुशील, खुद राहुल, भोलू का साला रोहित, भोलू के गांव का संजीव आदि कैफे के उद्घाटन में गए थे। वहां वाहन हटाने के विवाद में आरोपी हमलावर मंशा से आए, जब चलने लगे तो इन्होंने दोनों ओर से घेराबंदी कर पीछा किया और पथराव किया। बाद में फायरिंग कर भोलू की हत्या कर दी। पुलिस ने चंद्रवीर को गिरफ्तार कर लिया है। कुछ अन्य लोगों को हिरासत में लिया है।