सुमन की गिरफ्तारी के बाद बॉबी पंवार से नौ घंटे पूछताछ

उत्तराखंड । उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) की स्नातक स्तरीय परीक्षा में हुए पेपर लीक कांड की जांच अब तेज हो गई है। इस मामले में सीबीआई की कार्रवाई की आंच बेरोजगार संघ के नेता बॉबी पंवार तक पहुंच चुकी है। सोमवार को सीबीआई ने पंवार को पूछताछ के लिए बुलाया और करीब नौ घंटे तक उनसे सवाल-जवाब किए। पूछताछ मुख्य रूप से सहायक प्रोफेसर सुमन चौहान से उनके संपर्क, पेपर प्राप्त होने की स्थिति और घटना की पूरी श्रृंखला पर केंद्रित रही।

यह मामला 21 सितंबर को आयोजित परीक्षा से जुड़ा है, जिसमें हरिद्वार के बहादरपुर जट स्थित परीक्षा केंद्र में परीक्षार्थी खालिद पहले से छुपाए गए मोबाइल से प्रश्नपत्र की फोटो खींचकर अपनी बहन साबिया को भेजता है। साबिया आगे यह प्रश्नपत्र टिहरी के एक कॉलेज में तैनात असिस्टेंट प्रोफेसर सुमन चौहान को हल करने के लिए भेजती है। सुमन कुछ प्रश्न हल करती हैं और फिर इसे बेरोजगार संघ के नेता बॉबी पंवार को भेज देती हैं। इसके बाद पंवार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पेपर लीक के आरोप सार्वजनिक किए।

घटना के शुरुआती दिनों में पुलिस ने खालिद और उसकी बहन साबिया को गिरफ्तार किया था, जबकि सुमन को मुख्य आरोपी के तौर पर नहीं माना गया था। उस समय पुलिस का कहना था कि सुमन का इरादा पेपर लीक कराने का नहीं था, बल्कि अनजाने में उसने प्रश्न हल कर दिए थे। लेकिन जब इस पूरे मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई, तो सबसे पहली गिरफ्तारी 28 नवंबर को सुमन चौहान की ही हुई। जांच में सामने आया कि पेपर भेजने की कड़ी सुमन तक स्पष्ट रूप से जुड़ती है।

इसी क्रम में सोमवार को बॉबी पंवार को पूछताछ के लिए बुलाया गया। पूछताछ के बाद बाहर आकर पंवार ने बताया कि उनसे पेपर लीक मामले में कई सवाल पूछे गए, जिन पर उन्होंने लिखित बयान भी दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि वे सीबीआई को अपने पास मौजूद साक्ष्य सौंपने के लिए तैयार हैं। सीबीआई अब पूरी कड़ी को जोड़कर यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि पेपर लीक की पूरी साजिश किस स्तर तक फैली हुई थी और इसमें किसकी क्या भूमिका रही।

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