उत्तराखंड में एआई मिशन-2025 की दो नीतियों का ड्राफ्ट जारी

देहरादून । उत्तराखंड ने एआई मिशन-2025 के तहत दो नीतियों का ड्राफ्ट जारी किया है, जो पहाड़ की विशिष्ट जरूरतों के अनुसार तैयार की गई हैं। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) ने इन नीतियों और मिशन की आधिकारिक वेबसाइट तथा लोगो का लोकार्पण किया। उन्होंने कहा कि बिना तकनीकी समावेश सतत विकास की कल्पना नहीं की जा सकती। 21वीं सदी में तकनीक हर क्षेत्र में मुख्य भूमिका निभा रही है और उत्तराखंड भी आधुनिक तकनीक अपनाकर लोगों की आशा और आकांक्षाओं को साकार करना चाहता है।

राज्यपाल ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र व राज्य सरकार ने भविष्य की उभरती तकनीक को आत्मसात करने का बीड़ा उठाया है। उत्तराखंड की नई एआई पॉलिसी आधुनिक तकनीक को राज्य के विकास के लक्ष्यों से जोड़कर तैयार की गई है। उन्होंने डिजिटल डिवाइड, स्वास्थ्य व नैतिकता से जुड़े कुछ चुनौतियों की ओर भी ध्यान दिलाया और कहा कि शोध एवं अनुसंधान विभिन्न समस्याओं के प्रभावी समाधान की दिशा में काम कर रहे हैं। यह नीति 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य की प्राप्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

सचिव सूचना प्रौद्योगिकी नितेश झा ने कहा कि यह पॉलिसी केंद्र सरकार की एआई नीति के अनुरूप है, लेकिन इसमें पहाड़ी भौगोलिक परिस्थितियों के अनुरूप विशेष प्रावधान किए गए हैं। उत्तराखंड जिम्मेदार एआई उपयोग, नवाचार, अनुसंधान और कौशल विकास में राष्ट्रीय स्तर पर अग्रणी राज्य बनने का लक्ष्य रखता है। इस अवसर पर टोनी ब्लेयर इंस्टीट्यूट फॉर ग्लोबल चेंज ने एआई के वैश्विक विकास और उसका उत्तराखंड पर प्रभाव विषय पर जानकारी साझा की।

कार्यक्रम में आईटीडीए द्वारा आयोजित हैकॉथन प्रतियोगिता के विजेताओं और स्टार्टअप को पुरस्कार भी दिए गए। 25 शिक्षण संस्थानों के 846 छात्रों ने इसमें भाग लिया। शीर्ष पांच संस्थानों और उनके प्रोजेक्ट्स को 50-50 हजार रुपये, मेडल, सर्टिफिकेट और टैबलेट प्रदान किए गए। इसके अलावा, शीर्ष पांच स्टार्टअप्स ब्रिजिट, भूमिकैम, रिविज लैब्स, आई-रेजोनेट और विजी इंफोटेक को 50-50 हजार रुपये का पुरस्कार दिया गया।

 

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