साइकिलिंग के लिए विकसित नहीं हो सके नए रूट
अल्मोड़ा। तकनीक के जमाने में भी साइकिल लोगों का पसंदीदा वाहन है। जिले में साइकिलिंग की अपार संभावनाएं हैं लेकिन साइकिलिंग के लिए नए रूट विकसित नहीं हो सके हैं। इससे साइकिलिंग को बढ़ावा नहीं मिल रहा है। महंगाई के जमाने में भी साइकिल सबसे सस्ता साधन है।
स्वास्थ्य के साथ ही साइकिल आपके पैसे बचाने का काम भी करती है। ये साइकिल ही है जो एक गरीब के पास भी होती है और अमीर के पास भी।जिले में साइकिलिंग करते हुए हिमालय का नैसर्गिंक सौंदर्य भी देखने के लिए मिलता है। जिले में कफड़खान, कसारदेवी, चितई, पेटशाल क्षेत्र के मार्ग साइकिलिंग के लिए बेहद मुफीद हैं लेकिन इन मार्गों की जानकारी बेहद कम लोगों को ही है। साइकिलिंग के लिए नए रूट विकसित न होने से साइकिलिंग को बढ़ावा नहीं मिल पा रहा है।
माल रोड स्थित हाई एडवेंचर टूरिस्ट इन्फाॅरमेशन और उत्तराखंड साइकिलिस्ट के संस्थापक भरत साह ने बताया कि यदि साइकिलिंग के लिए नए रूट विकसित होंगे तो बाहरी स्थानों के साइकिलिस्ट भी यहां साइकिलिंग के लिए आकर्षित होंगे। इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
अल्मोड़ा। कोरोनाकाल में जहां साइकिल खूब बिकी वहीं अब बिक्री में गिरावट आ गई है। माल रोड स्थित बाबा साइकिल स्टोर के गुलरेज खान ने बताया कि कोरोनाकाल में एक माह में औसतन 30 से 40 साइकिल बिकती थी लेकिन अब माह में 15 से 20 साइकिल ही बिक रहीं हैं। उनके पास छह हजार से अस्सी हजार रुपये तक की साइकिल हैं। इनकी खरीदारी 25 से 30 आयु वर्ग के युवा अधिक कर रहे हैं।
साइकिल चलाना सेहत के लिए फायदेमंद माना गया है। एक शोध के अनुसार जो व्यक्ति रोजाना आधा घंटा साइकिल चलाता है उसे कोई और एक्सरसाइज करने की जरूरत ही नहीं है। साइकिल चलाने से शरीर के सभी अंग सक्रिय हो जाते हैं। साइकिल चलाने से इम्यून सिस्टम ठीक तरीके से काम करता है। एक रिपोर्ट के अनुसार रोजाना आधा घंटा साइकिल चलाने से इम्यून सेल्स एक्टिव हो जाते हैं और बीमार होने का खतरा कम हो जाता है।
जिले में साइकिलिंग के प्रमुख मार्ग
- अल्मोड़ा -कोसी-कटारमल
- अल्मोड़ा-विश्वनाथ-जलना
- अल्मोड़ा-शीतलाखेत
- अल्मोड़ा-कपलेश्वर
- अल्मोड़ा-मुक्तेश्वर
- अल्मोड़ा-कालीमठ
- कफड़खान-कसारदेवी
- अल्मोड़ा-चितई-पेटशाल
साइकिलिंग को बढ़ावा देने के लिए जिला स्तर पर साइकिलिंग रैली आयोजित की जाती है। लोगों को प्रोत्साहित भी किया जाता है। नए साइकिलिंग रूटों को विकसित करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
– अमित लोहनी, जिला पर्यटन अधिकारी, अल्मोड़ा।